ईसाई धर्म, दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में से एक है, जिसका भारतीय उपमहाद्वीप पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। हंगेरियन शब्द 'kereszténység' का हिंदी में अनुवाद 'ईसाई धर्म' होता है, और दोनों ही शब्द यीशु मसीह की शिक्षाओं और उनके अनुयायियों के विश्वास को दर्शाते हैं।
भारत में ईसाई धर्म का इतिहास लगभग दो हजार वर्ष पुराना है, जिसका प्रारंभिक प्रसार सेंट थॉमस द्वारा किया गया था। ईसाई धर्म ने भारतीय कला, साहित्य, शिक्षा और सामाजिक जीवन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
ईसाई धर्म में कई संप्रदाय हैं, जैसे कि कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट मान्यताएं और प्रथाएं हैं।
ईसाई धर्म की शब्दावली में कई महत्वपूर्ण अवधारणाएं शामिल हैं, जैसे कि त्रित्व, पाप, मोक्ष और अनुग्रह। इन अवधारणाओं को समझना ईसाई धर्म के मूल सिद्धांतों को समझने के लिए आवश्यक है।
हिंदी और हंगेरियन दोनों भाषाओं में ईसाई धर्म से संबंधित शब्दावली का अध्ययन, इन संस्कृतियों में ईसाई धर्म के प्रसार और उसके प्रभाव को समझने में मदद करता है।